शिमला। न्यूज व्यूज पोस्ट/
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात डॉक्टर्स के एनपीए को रोकने के फैसले से चिकित्सक संघ में विरोध उत्पन्न हुआ है। प्रदेश सरकार के इस फैसले को चिकित्सक अनुचित बता रहे है। अब विरोध में इन डॉक्टर्स की ओर से प्रदेश भर में काले बिल्ले लगाकर पैन डाउन स्ट्राइक की जा रही है, ऐसे में तमाम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के सदस्य डॉक्टर्स की ओर से आज साढ़े 9 बजे से लेकर 11 बजे तक हड़ताल की गई, इस दौरान स्वास्थ्य संस्थानों में अव्यवस्था का आलम देखा गया, कई स्वास्थ्य संस्थानों में दूर-दराज के क्षेत्रों से पहुंचे मरीजों और तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ के महासचिव डॉ. उदय ने कहा कि सरकार की ओर से डॉक्टर्स का अचनाक से एनपीए बंद कर देना सरासर अन्याय है। एक डॉक्टर को डॉक्टर बनने के लिये जिस डिग्री को लेना होता है वो पांच से छ साल की होती है, एक लंबे समय की पढ़ाई के बाद हासिल की गई डिग्री के तुरंत बाद उन्हें सरकारी संस्थानों में नोकरियां नहीं मिलती । ऐसे में जब नोकरियां मिलती हैं तो वेतन उतना ज्यादा नहीं होता कि पढ़ाई के दौरान खर्च की गई राशि के साथ जस्टिस हो सके, इसी के मद्देनजर सरकार उन्हें मानदेय देती है ताकि डॉक्टर्स सरकारी संस्थानों के साथ-साथ प्राइवेट संस्थानों में प्रैक्टिस न करें, डॉ. उदय ने कहा कि अगर समय रहते उनके हित में फैसला नहीं लिया गया तो वो मास कैजुअल लीव पर भी जा सकते हैं जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है।