शिमला। न्यूज़ व्यूज पोस्ट–
बहुचर्चित स्कॉलरशिप घोटाले में सीबीआई और लोगो को भी शिकंजे में ले सकती है। हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में जांच एजेंसी की ओर से जवाब दिया गया है, उससे ऐसी सम्भावनाये बढ़ गई है कि जांच एजेंसी इस मामले में जांच का दायरा बढ़ा रही है। क्योंंकि निजी शिक्षण संस्थानों और शिक्षा निदेशालय के कुछ अधिकारियों के साथ कुछ बैंकों के अधिकारियों की भी मिलीभगत की आशंका है।ऐसे में जांच के दायरे में बैंक भी हैं। अभी तक इस केस में सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है। हाल ही में हिमाचल, चंडीगढ़ और हरियाणा के तीन संस्थानों के संचालकों की भी गिरफ्तारी हुई थी। इस मामले में अब तक 266 निजी संस्थानों में से 28 सस्थानाों में फ्राड के सबूत मिल गए हैं। इनमें से 11 की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और 17 संस्थानों के खिलाफ जांच अभी भी जारी है। इनकी चार्जशीट अलग से बनेगी और इसमें कई नए खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में कुछ बैंकों के अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच का दायरा खुला है। अब हाई कोर्ट में ये केस 30 मई को है। इसलिए इससे पहले नई गिरफ्तारियों के साथ चार्जशीट दायर हो सकती है। शिक्षा विभाग में वर्ष 2018 में ये घोटाला पकड़ में आया था, जब शिक्षा सचिव डा. अरुण शर्मा थे। इसके बाद जब प्रदेश से बाहर इसके तार गये तो मामला सीबीआई को देना पड़ा। सीबीआई जांच स्लो होने पर ही अब हाई कोर्ट में दोबारा केस पहुंचा है।