दिल्ली। न्यूज व्यूज पोस्ट। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)/सामान्य अभियांत्रिकी रिजर्व फोर्स (जीआरईएफ) में काम करने वाले आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों (सीपीएल) को अनुग्रह राशि के एकमुश्त भुगतान के लिए दुर्घटना के समय 179 कार्य दिवस पूरे करने के प्रावधान से छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मौजूदा निर्देशों के अनुसार, जिन आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों ने सीमा सड़क संगठन में कम से कम 179 दिन काम किया है, उन्हें पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि एकमुश्त भुगतान के दायरे में रखा गया है। अभी तक 179 कार्य दिवसों की इस बाध्यता के कारण, दिवंगत सीपीएल के कई परिवार इस अनुदान से वंचित रहे हैं।
बीआरओ इकाइयां दूर-दराज/बर्फ से घिरे/ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जहां कोई उचित सार्वजनिक और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। प्रतिकूल वातावरण, दुर्गम पहाड़ी इलाके, खतरनाक कार्य स्थल और व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरे जैसे कारक आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों के जीवन के लिए भारी खतरा पैदा करते हैं।
आकस्मिक वेतन भोगी मजदूरों की काम करने के दौरान हुई/रिपोर्ट की गई मौतों के मामलों को ध्यान में रखते हुए, मानवीय आधार पर न्यूनतम 179 कार्य दिवसों की शर्त में छूट इनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो सरकारी ड्यूटी के दौरान अपनी रोटी कमाने वाले को खो देते हैं और यह प्रावधान उनकी आजीविका को लम्बे समय तक सुरक्षित रखेगा।
यह गौरतबल है कि रक्षा मंत्री ने, हाल ही में, सीमा सड़क संगठन के साथ काम करने के दिनों की परवाह किए बिना, आकस्मिक वेतनभोगी मजदूरों की बेहतरी के लिए निम्नलिखित कल्याणकारी उपायों को मंजूरी दी थी:
- बीआरओ/जीआरईएफ द्वारा चलाए जा रहे परियोजना कार्यों के लिए नियुक्त सीपीएल के लिए समूह (मियाद) बीमा योजना, जिसमें सीपीएल की मृत्यु के किसी भी मामले में परिवार/निकट संबंधियों को 10 लाख रुपये मूल्य का बीमा सुनिश्चित किया जाता है।
- पार्थिव शरीर का संरक्षण और परिवहन और परिचारक की परिवहन भत्ता (टीए) पात्रता।
- अंत्येष्टि सहायता को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये किया गया।
- मृत्यु आदि के मामले में तत्काल सहायता के रूप में 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के विरुद्ध अग्रिम भुगतान।