मंडी, 26 जुलाई । न्यूज़ व्यूज पोस्ट—- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी का हिमाचल प्रदेश के युवाओं को उच्च गुणवत्ता की आईआईटी शिक्षा सुलभ कराने का सपना है। इसके मद्देनजर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मंडी के सतत शिक्षा केंद्र (सीसीई) ने हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम, शिमला के सहयोग से रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपना पहला स्कूल कैम्प (प्रयास 1.0) का सफल आयोजन किया।
प्रयास 1.0 पूरी तरह आवासीय प्रोग्राम था जिसमें विद्यार्थियों ने रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी जानकारी प्राप्त की ताकि वे अपने करियर के शुरुआती दौर में ही पूरा ऑटोमेटेड सिस्टम विकसित करें। कैम्प के लिए पूरे हिमाचल प्रदेश के 1200 से अधिक विद्यार्थियों में से सौ चुने गए और उन्हें कैम्प में भाग लेने का अवसर दिया गया। कम उम्र के विद्यार्थियों के लिए समर कैंप की अहमियत बताते हुए प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा, निदेशक, आईआईटी मंडी ने कहा, आने वाले समय में आईआईटी मंडी में हिमाचल के विद्यार्थियों का अनुपात कम से कम 50 प्रतिशत हो। इसलिए स्कूली बच्चों को शुरुआती दौर में ही कौशल विकसित करने को प्रोत्साहित करता हूं और चाहता हूं कि वे इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठायें।’’ उन्होंने बताया कि अगली बार उनका संस्थान स्कूलों और आईटीआई के शिक्षकों को आमंत्रित करेगा ताकि वे आईआईटी मंडी के फैकल्टी और लैब की सुविधाओं का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करें।’’
प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने खास कर हिमाचल के विद्यार्थियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स पर समर कैम्प के आयोजन पर गर्व की अभिव्यक्ति की। कम उम्र के विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने अपने पिछले अनुभव के कई दिलचस्प किस्से साझा किए।
प्रयास 1.0 के पहले सीजन के बारे में बोलते हुए सेंटर फॉर कंटिन्यूइंग एजुकेशन, आईआईटी मंडी के प्रमुख डॉ. तुषार जैन ने कहा, “प्रयास 1.0 के साथ हिमाचल प्रदेश में प्रौद्योगिकी कौशल के विकास का नया दौर शुरू हो गया है। राज्य के स्कूली बच्चों के लिए यह एक अभूतपूर्व अवसर था जिससे उन्हें भविष्य में आईआईटी मंडी का हिस्सा बनने की प्रेरणा मिली। इस ‘प्रयास’ से उनके सामाजिक, प्राद्योगिकी और मानवीय मूल्यों के कौशल का विकास हुआ।
कैम्प तीन सप्ताह का था। इस दौरान छात्रों के लिए रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की कक्षाएं आयोजित की गई। उन्होंने रोबोट बनाने के लिए आवश्यक विभिन्न कम्पोनेंट को आपस में जोड़ने के लिए प्रोग्रामिंग की विभिन्न प्रौद्योगिकियांें, सेंसरों, एक्चुएटरों, संचार उपकरणों और बिजली उपकरणों का उपयोग सीखा। कक्षाओं में सैद्धांतिक कांसेप्ट और व्यावहारिक ज्ञान के सत्र दोनों शामिल थे। साथ ही, छात्रों के लिए विभिन्न खेल आयोजित किए गए और उन्हें कैम्पस के कई लैब जैसे मैन्युफैक्चरिंग मशीन, टिंकरिंग लैब और अन्य देखने का अवसर दिया गया।
बच्चों के आईआईटी मंडी कैम्पस प्रवास में उनके लिए नियमित योगा और एरोबिक्स क्लास, भगवद गीता के सत्र आयोजित किए गए और कई उत्साहवर्धक डॉक्युमेंटरी दिखाई गई। छात्रों ने एनएसएस आईआईटी मंडी के साथ आयोजित वृक्षारोपण अभियान में आसपास के क्षेत्रों में 200 से अधिक पौधे लगाए।
कैम्प के अंत में छात्र एक लाइन पर चलने में सक्षम रोबोट, बाधा से बच कर चलने में सक्षम रोबोट और फिर ब्लूटूथ-नियंत्रित कार बनाने की सक्षमता पाई। साथ ही, प्रोसेसिंग सेंसर डेटा और पायथन लैंग्वेज की जानकारी हासिल की। उन्हें रोबोटिक्स और प्रोग्रामिंग की बुनियादी जानकारी दी गई। इस कैम्प में उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया और इसके उपयोगों को जानने का मौका मिला। प्रतिभागी टीमों को टेक होम रोबोटिक्स किट प्रदान की गई ताकि वे बाद में भी इस प्रौद्योगिकी के साथ खुद कुछ नया कर सकें।
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