रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी।
कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास के साथ उस मंजिल तक उड़ान भरने का है हौसला जहां कोई न पहुंचा हो , लेकिन पंख देने वाले की है दरकार। ऐसी ही कुछ समस्या है शिमला जिला के रामपुर बुशहर की रहने वाली प्रियम नेगी की दास्तां भले ही फिल्मी स्क्रिप्ट लगे लेकिन यही हकीकत है । गरीबी और बेबसी का आलम तो देखिए दो रोज पूर्व मुंबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पीएमएल यानी प्रो मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में 51 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मैडल जीत तो लिया । लेकिन वापसी घर आने के लिए किराया तक नहीं। गले में गोल्ड मैडल लिए रेलवे स्टेशन पर रेल किराए का इंतजार कर रही बेटी को गरीब पिता ने कुछ उधारी और बाकी दिन भर की कमाई कर पैसे भेज दिए। लेकिन अब भी दिल्ली तक का ही खर्चा जुटा पाए है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर की रहने वाली प्रियम नेगी ने मुबई में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस से पहले भी प्रियम कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लें कर मैडल हासिल करती रही है। प्रियम के कोच एवं निदेशक वीरा फाइट क्लब शिवपुर मध्य प्रदेश बलवीर वीरा रावत ने बताया की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता दस और ग्यारह फरवरी को मुबई में पीएमएल फाइट यानी प्रो एमएमए लीग आयोजित की गई। उन्होंने बताया 51 किलोग्राम वर्ग में मुबई की ही फाइटर को हरा कर प्रियम ने गोल्ड मैडल झटका है। प्रियम के पिता पवन नेगी पहाड़िया ने बताया की इस से पूर्व प्रियम नेगी ने भारत की सबसे बड़ी मिक्स मार्शल आर्ट ऑर्गेनाइजेशन MFN के द्वारा 7,8 व 9 दिसंबर को नोएडा इंडोर स्टेडियम में आयोजित फाइट में ब्राउंज मैडल प्राप्त किया था । इस मंच पर प्रतिस्पर्धा के लिए उतरने वाली वह हिमाचल की पहली युवती बनी थी । प्रियम मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रामपुर की रहने वाली है। अब तक प्रियम नेगी मध्य प्रदेश के शिव पूरी में कोचिंग ले रही थी। पारिवारिक आर्थिक हालत ठीक न होने के कारण कोचिंग भी दानी सजनो के सहयोग से चल रहा था। प्रियम के पिता पवन नेगी पहाड़िया ने बताया की शिवपुर कोचिंग का खर्चा अब तक समाज सेवी ठाकुर मान सिंह उठा रहे थे। उन्होंने बताया मुंबई पीएमएल फाइट में बेटी को भेजने के लिए किराया नहीं था तो लोगों से उधारी कर शिव पूरी से उसे मुंबई भेजा। फाइट में गोल्ड मैडल लेने के बाद जब बेटी को घर वापिस आना था तो किराए की समस्या हुई। उन्होंने बेटी को रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए कहा , तब तक वे किराया का बंदोबस्त करेगे। कुछ उधारी और दिन की कमाई जोड़ कर बेटी को पैसे भेजे । तब जा कर प्रियम का मुंबई से दिल्ली का सफर शुरू हुआ। पवन नेगी ने बताया अब भी दिल्ली तक का ही किराया जुटा पाए है, जब तक बेटी दिल्ली पहुंचेगी तब तक किराए का और बंदोबस्त करना है। उन्होंने बताया वे टेक्सी चलाते है, परिवार चलना मुश्किल है। बेटी आगे बढ़ना चाहती है लेकिन संसाधन नही। अब कोचिंग के लिए स्पॉन्सरशिप भी बंद हुई तो बेटी को घर आने के लिए कहा। पेसो का बंदोबस्त हुआ तो आगे प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेगी अन्यथा घर बैठना पड़ेगा। उल्लेखनीय है की प्रियम ने 13 साल की उम्र में स्कूल स्तर की किन्नौर के उरनी में स्टेट लेवल बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता था। प्रियम बीते वर्ष सुंदर नगर में आयोजित नेशनल लेवल की इंटर कालेज बुशु प्रतियोगिता में 48, किलोग्राम वर्ग में ब्राउंज मेडल जीता था , बीते वर्ष 16 ,17 ,18 जून को दिल्ली के प्रगति मैदान में एशिया की सब से बड़ी प्रतियोगिता हुई। जिस में 45 देशों के 1000 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। उस में भी प्रियम नेगी ने मिक्स मार्शल आर्ट में गोल्ड मैडल प्राप्त किया था।