चौरा। न्यूज व्यूज पोस्ट।
किन्नौर जिला के प्रवेश द्वार चौरा पंचायत में दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांव के किसानों को मोटे अनाज एवं जैविक खेती को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान यह भी बताया गया कि सेब की फसल को रसायन मुक्त करने के लिए किस तरह से आगे बढ़ना होगा। कैसे जैविक तरीके से खाद बनाए जा सकते हैं। किस तरह सेब पर लगने वाली बीमारियों का जैविक विधि से उपचार किया जा सकता है। एसजेवीएनएल के सौजन्य से हिम नेचुरल एंड ऑर्गेनिक फार्मिंग समिति के के विशेषज्ञों ने दो दिवसीय शिविर में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी और बताया कि सुखद भविष्य एवं निरोग जीवन के लिए रसायनों को कम से कम प्रयोग करना होगा। जैविक विधि से फसलों को तैयार करने से जहां लागत में कमी आएगी वही खाद्य पदार्थ गुणवत्तापूर्ण बने रहेंगे। उन्होंने बताया कि मनुष्य को स्वस्थ निरोग रखने के लिए अब जरूरी हो गया है कि जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन हो।
हरबंस स्योगी चौरा के किसान ने बताया कि दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में मोटे अनाजो अथवा जैविक खेती के बारे में बताया गया। प्राकृतिक विधि से कैसे सेब पौधो में लगने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है। कैसे खाद का निर्माण किया जा सकता है। दौरान फील्ड विजिट करा कर किसानों को सेब से किस तरह से अधिक फसल लिया जा सकता है । कैसे पौधो को स्वस्थ रख सकते हैं । इन का विस्तार से ज्ञान दिया।
कफौर गांव की ज्ञान देवी ने बताया कि दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में विशेषज्ञों ने मोटे अनाज और सेब पैदावार के बारे प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान फील्ड में सेब की फसल के बारे में विस्तार पूर्वक की जानकारी दी । किस तरह से खेतों को उपजाऊ और रसायन मुक्त बनाया जा सकता है ।
प्रगतिशील बागवान विजेंद्र चौहान ने बताया चौरा में किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी। एसजेवीएन के माध्यम से किसानों को मोटे अनाज को बढ़ावा देने अथवा सेब की फसल जैविक विधि से तैयार करते हुए गुणवत्तापूर्ण बनाने की बारीकी से जानकारी दी।