रामपुर बुशहर –विशेषर नेगी —- एसजेवीएन की रामपुर व नाथपा झाकड़ी परियोजना में कार्यरत ठेका
मजदूरों का विरोध प्रदर्शन 14 दिन भी जारी। मजदूरों ने बताया 9 मार्च को
दोनों परियोजना के सैकड़ो मजदूर भी विधानसभा घेराव के लिए पहुंचो
पहुंचेंगे शिमला। प्रदर्शनकारी मजदूरों की मांग ग्रुप इंश्योरेंस की हो
सुविधा। निगम में कार्यरत दूसरी एजेंसी के कामगारों के बराबर हो ठेका
मज़दूरों का भी वेतन। निगम द्वारा 72 स्थाई पदों के लिए निकाली गई
रिक्तियों में ठेका मजदूरों को भी हो आरक्षण।
वी -ओ — हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के 412 मेगा वाट की रामपुर
परियोजना व 15 मेगावाट की नाथपा- झाकरी परियोजना के ठेका मजदूर 21 फरवरी
से विरोध प्रदर्शन कर रहे है। आंदोलनकारियों का कहना है कि फिलहाल वे
सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे हैं अगर उनकी समस्याओं को नहीं सुलझाया जाता
है तो वह उग्र आंदोलन करने पर मज़बूर होंगे। मजदूरों ने बताया कि 9 मार्च
को हिमाचल विधानसभा घेराव के लिए दोनों परियोजनाओं से भी सैकड़ों मजदूर
शिमला जाएंगे। मजदूरों ने 412 मेगावाट की बायल स्थित परियोजना
मुख्यालय के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए कहा कि वह तीन मांगों को
लेकर अपना विरोध जता रहे हैं। इनमें एक ग्रुप इंश्योरेंस की सुविधा हो
ताकि किसी हादसे की सूरत में प्रभावित के परिजनों को सहायता मिल सके.
दूसरा उन्होंने बताया कि परियोजना में भूतपूर्व सैनिकों के संगठन
हिमपेस्को के माध्यम से जिस में अधिक लोग सिविलियन रखे गए है उन का
वेतन ठेका मज़दूरों के वेतन से दोगुना रखा गया है। इस भेदभाव को दूर
किया जाए। उन्होंने प्रमुख मांग उठाई है कि एसजेवीएन में 72 स्थाई
नौकरी के लिए रिक्तियां निकाली गई है जिसमें हिमपेस्को व् उत्तराखंड
के एक संगठन को आयु सीमा में छूट दी है। जबकि लंबे समय से एसजेवीएन की
परियोजनाओं काम कर रहे ठेका मजदूरों को जिन्हें कार्य का अधिक अनुभव है
उन्हें कोई छूट नहीं दी गई है। इसलिए उन्हें भी छूट दी जाए।
– मजदूर नेता रिंकू ने बताया कि रामपुर परियोजना में दस बारह
सालों से लगातार मेंटिनेस वर्क में ठेका मजदूर काम कर रहे हैं। ऐसा कोई
क्षेत्र नहीं है जहां वह काम नहीं कर रहे। अभी एसजेवीएन मुख्य कार्यालय
से 72 स्थाई नियुक्ति हेतु रिक्तियां निकाली गई है ,जिसमें ठेका मजदूरों
को कोई आयु सीमा में छूट नहीं दी गई है. जबकि हिमपेस्को के लिए आयु सीमा
में 55 वर्ष की छूट दी गई है. जमीनी स्तर पर सबसे ज्यादा काम जबकि
ठेकेदार मज़दूर कर रहा है. इसलिए 21 21 फरवरी से मज़दूर प्रदर्शन कर रहे
हैं। अगर मैनेजमेंट हमारी मांग नहीं मानते तो हमारा आंदोलन थमने वाला
नहीं है.
बिहारी सेवगी सीटू के राज्य उपाध्यक्ष ने बताया कि एसजेवीएनएल
में जो आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहा है, उन के सरकार पॉलिसी बनाएं।
इसलिए 9 मार्च को यहां से भी करीब 200 मजदूर विधानसभा घेराव के लिए
जाएगा।