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लुहरी परियोजना की निर्माण लागत में बढ़ौतरी होगी 8 सौ करोड़ की

रामपुर बुशहर। न्यूज व्यूज पोस्ट।

निर्माणाधीन 210 मेगावाट की लुहरी जल विद्युत परियोजना जनवरी 2026 तक बन कर तैयार होगी। इस के लिए कार्यस्थलों पर सभी अधिकारियों की जिम्मेवारी तय करते हुए लक्ष्य दिया गया है। इस बात की जानकारी लुहरी जल विद्युत परियोजना प्रमुख सुनील चौधरी ने परियोजना मुख्यालय बिथल में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा जिन परियोजनाओ का देश के प्रधान मंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया है, उन की मॉनिटरिंग प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार की जाती है, इस के लिए पीएमओ में अलग विंग स्थापित है, उन्होंने बताया परियोजना निर्माण स्थल में मजदूरों अथवा किसानों के आंदोलन और विभिन्न व्यवधानों के कारण परियोजना को दैनिक डेढ़ करोड़ की नुकसानी उठानी पड़ती है। इस से परियोजना निर्माण में भी देरी होगी । इसके इलावा परियोजना निर्माण में लगी कंपनियों को भी इस व्यवधान के बदले अलग से नुकसानी देनी पड़ रही है। वार्ता के दौरान सुनील चौधरी परियोजना प्रमुख ने बताया कि लुहरी परियोजना का निर्माण आरंभ 2020 में किया गया और पूर्ण करने का लक्ष्य प्राकृतिक आपदाओं एवं कोविड़ महामारी के बावजूद जनवरी 2026 निर्धारित है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों की चाहे प्रदूषण का हो या मकानों में आई दरारें या अन्य दिन दरिया परियोजना निर्माता ने अपने स्तर पर बिना विलंब के पूर्ण किया है। जो भी देनदारियों से जुड़े गतिरोध है वो हिमाचल सरकार की ओर से आंकल्नो अथवा रिपोर्टों के आधार पर हरी झंडी मिलते ही दिया जा रहा है। एसजेवीएन या लुहरी परियोजना निर्माताओं की ओर से कोई कोताही या केस पेंडिंग नही है। चौधरी ने बताया कि लुहरी परियोजना निर्माण में मजदूर अथवा किसानों के आंदोलन एवं अन्य प्राकृतिक व्यवधानों के चलते बाधा आई है उस से दैनिक करीब डेढ़ करोड़ का नुकसान के एसजेवीएन को होता है। इतना ही नहीं निर्माण अवधि भी आगे खिंच जाती है। इसके अलावा निर्माण में लगी कंपनियों को आंदोलन के दौरान काम रुकने की वजह से उन की मशीनरी और अन्य कार्य ठप होने की एवज में अलग से नुकसानी का हर्जाना परियोजना को देना पड़ता है। उन्होंने कहा अब तक इस तरह की नुकसानी की भरपाई के रूप में कम्पनियो को धनराशि 15 से 20 करोड रुपए दी जा चुकी है । उन्होंने बताया परियोजना की कुल खुदाई 21 लाख 63 हजार क्यूबिक मीटर में से खुदाई का कार्य 66% पूर्ण कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना निर्माण लागत पूर्व में निर्धारित 1890 करोड़ के मुकाबले परियोजना निर्माण समापन तक 27 सौ करोड रुपए से अधिक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि लुहरी जल विद्युत परियोजना से विद्युत उत्पादन लागत 4 रुपए 53 पैसे प्रति यूनिट के करीब है। उन्होंने यह भी दावा किया कि परियोजना में कार्य कर्मचारियों में 98 फीसदी हिमाचली है और उसमें भी 93 फ़ीसदी स्थानीय लोग है। उन्होंने बताया कि परियोजना निर्माण का लक्ष्य जनवरी 2026 निर्धारित है इसकी रिपोर्ट पीएमओ से लेकर विद्युत मंत्रालय , एसजेवीएन मुख्यालय में लगातार भेजी जाती है। क्योंकि जिन परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया है , उन परियोजनाओं की गतिविधियों को देखने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में अलग से विंग स्थापित है, जो उनके कार्यों की मॉनिटरिंग कर रही है।

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