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माकपा हिमाचल की तीन सीटों पर इंडिया गठबंधन और मंडी से लड़ सकती है स्वयं चुनाव

सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए डॉ ओंकार शाद ने कहा कि आज हम जिस समय यह सम्मेलन कर रहे हैं, इस समय हमारे देश में 18वीं लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं। आज के समय में हमारे देश व प्रदेश में सरकार द्वारा जो नीतियां लागू की जा रही है, उन नीतियों से किसानो, मज़दूरों व मेहनतकश लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के चलते देश में व्यापक कृषि संकट, बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार व खाद्य असुरक्षा पैदा हुई है।

देश में अमीर व गरीबों के बीच खाई तेजी से बढ़ी है। गरीबों के संसाधनों को छीन कर अमीरों के हवाले किया जा रहा है। केंद्र सरकार खुला बाजार व खुला व्यापार की नीति को लागू कर रही है। पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का 15 लाख करोड़ का कर्जा माफ किया और किसानों का कुल कर्जा जो 18 लाख करोड़ है उसका एक रुपया भी माप नही किया।

समापन भाषण में राकेश सिंघा ने कहा कि लूहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट परियोजना के निर्माण में जिन परिवारों की जमीन लगी है, उन परिवारों को जमीन का दाम के साथ, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार नहीं दिया गया है।

भूमि अधिग्रहण में भी शिमला व कुल्लू जिला में अलग-अलग जमीन का दाम दिया गया हैं। जिला कुल्लू में 32 लाख 65 हजार रूपये प्रति बीघा, शिमला जिला के नीरथ में 50 लाख रूपये प्रति बीघा, भद्राश में 40 लाख रूपये प्रति बीघा और नौला में 20 लाख रूपये प्रति बीघा दाम SOLATIUM को मिलाकर दिया गया हैं।

लूहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 210 मेगावाट में भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 को पूरी तरह से रौंदने का काम किया है। परियोजना का लूट तंत्र अंग्रेजों के ज़माने के वयवस्था थोपने पर काबिज है।

लूहरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के निर्माण से उठ रही धूल से प्रभावित पंचायतों के किसानों की फसलों नुकसान हो रहा है। ब्लास्टिंग से किसानो के घरों में दरारे आ रही है और पीने के पानी के स्त्रोत सूख रहे हैं। सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा अभी तक किसानों को फसलों के नुकसान और दरारों का मुआवजा नहीं दिया।

सम्मेलन में हिमाचल किसान सभा राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तनवर मौजूद रहे।

सीटू से अमित, दुग्ध उत्पादक संघ से तुला राम, एस एफ आई से राहुल और लूहरी प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन से राजपाल ने किसानों के सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं दी।

देवकी नंद ने सम्मेलन की रिपोर्ट रखी। सम्मेलन में कुल 250 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन सर्वसम्मति से 70 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया।

जिसमें कृष्णा राणा को अध्यक्ष, देवकी नंद को सचिव और हर दयाल को कोषाध्यक्ष चुना गया। प्रेम चौहान, कृष्ण, दर्शन, महेंद्र, रणवीर, वेद राम, शिक्षा, रक्षा, ऋषि, वीर सिंह, संदीप, नरेश को सह सचिव और काकू, ओ पी चौहान, पदम, देवेन्द्र, कपिल, किशन देव, मान दास, मनोरमा चौहान, चमन, परस राम, भगवान दास, दात्ता राम, धन सिंह को उपाध्यक्ष चुना गया।

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