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पूर्व मुख्य मंत्री वीरभद्र सिंह व पवन धंगल की याद में वॉलीबॉल

रामपुर बुशहर / विशेषर नेगी ——-युवाओं में तेजी से बढ़ रहे नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए
रामपुर में कराई जा रही है विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं।
रामपुर में आज से शुरू हुई राष्ट्रीय  स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता। पूर्व
मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह और पिछले माह पुलवामा में शहीद हुए
जवान पवन कुमार किया में आयोजित की जा रही है यह प्रतियोगिता।
प्रतियोगिता में  राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच भी ले रहे है
हिस्सा। इस बार महिला वॉलीबॉल खिलाड़ियों को भी दिया गया है विशेष अवसर। शिमला जिला की रामपुर की संस्थाए विभिन्न राष्ट्रीय  स्तरीय
खेलो का आयोजन कर युवाओं की एनर्जी को सकारात्मक कार्यो में लगाने का
प्रयास कर रही है। ताकि युवाओ में  तेजी से बढ़ते नशे की प्रवृति को रोका
जा सके। इसी कड़ी में आज से रामपुर में राष्ट्रीय स्तर की वॉलीबॉल
प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ हुआ। जिस का उद्घाटन रामपुर जलविद्युत
परियोजना के उप महा प्रबंधक रोशन कुमार ने किया।  इस प्रतियोगिता का
आयोजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और हाल ही में पुलवामा में आतंकी
हमले में शहीद हुए जवान पवन कुमार धंगल  की याद में आयोजित किया जा रहा
है। प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि ने बताया एसजेवीएन
सकारात्मक कार्यो एवं आयोजनों में स्थानीय समुदाय के सहयोग के लिए हमेशा
तत्पर है।  ताकि युवाओ को ऐसे आयोजनों से प्रेरणा और सद्मार्ग मिले।  इस
दौरान खेल आयोजन करता बुशहर वॉलीबॉल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया
विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं कराकर
युवाओं को मंच देने के साथ-साथ खेलों की ओर आकर्षित करने का  एक बीड़ा
उठाया है। आज से स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता आरंभ हुई  है जिस में
महिलाओं की वॉलीबॉल टीमों को भी आमंत्रित किया गया है ताकि महिलाओं को
सम्मान मौका मिले। बुशहर वालीबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष बांका राम भलुनी ने  ने बताया
 बुशहर बालीवाल एसोसिएशन की और से यह प्रतियोगिता कराई  जा रही है।  आज
क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आये टीमों की प्रतियोगिता समाप्त होगी।
उस के बाद राष्ट्रीय स्तर की टीमों की प्रतियोगिता होगी।  कल से महिला
वॉलीबॉल टीम भी खेलेंगी। 1982 में एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुके सुरेश ठाकुर  ने बताया
 ऐसे आयोजनों से  युवाओं का खेलों के प्रति रुझान बढ़ा है और उन्हें आगे
बढ़ने की राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों से प्रेरणा मिल रही है।
उन्होंने बताया की जिस तरह से एसियन गेम्ज के बाद भारत में भी खेलो के
प्रति सोच बदली।  और युवाओ में खेल भावना जगी वैसे ही ग्रामीण सत्र पर भी
इस का प्रभाव पडेगा।

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