शिमला जिला के रामपुर उप मंडल के नरेन पंचायत के तहत दलोग में नेपाली मूल के युवक की रहस्यमय मौत पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। युवक की मौत हुई या हत्या की गई इन सवालों को लेकर पुलिस भी घटना के 11 दिन बाद जांच में जुटी है। जानकारी के अनुसार 12 मार्च को नेपाली मूल का युवक नरेन पंचायत के दलोग में अपने परिचित नेपाली मूल के परिवार के पास आया था। उस के बाद जो घटना हुई , उस पर कई स्वालिया निशान लग गए है। मौत या हत्या के बात पोस्टमार्टम क्यों नही हुआ। क्यों आनन फानन में शव को जला दिया गया। क्या कार का शीशा तोड़ कर अंदर सोने पर मौत की सजा मिली , या फिर अन्य कारणो से मौत हुई। इस तमाम मामले से पुलिस क्या निष्पक्षता से पर्दा उठा पाती है या नही भविष्य के गर्भ में है। लेकिन मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण ग्यारह दिन तक दफन रहा। यह तो उस सोशल मीडिया की पहल एवं हिम्मत रही, जिस ने दफन राज को जीन के रूप में निकालने का प्रयास किया। हालांकि अब उस सोशल मीडिया में पोस्ट अपलोड करने वाले को कई परेशानियों से भी गुजरना पड़ सकता है। क्यों की पोस्ट तकनीकी तौर से यानी अखबारी भाषा अथवा समाचार प्रस्तुत करने की तकनीक पर कुछ त्रुटिपूर्ण हो सकता है। बहरहाल मामला उजागर हुआ, अब सच्चाई भी सामने आनी चाहिए। इन दोनो घटना क्षेत्र के हर चाय की दुकान एवं चौराहे पर हो रही चर्चा के अनुरूप घटित हुई है तो मामला गंभीर अथवा शर्मसार करने वाला हो सकता है। उधर इस घटना बारे डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा का कहना है की मामले की तहकीकात हो रही है। नरेन पंचायत के उपप्रधान अविनाश कायस्थ का कहना है की मामले को बेवजह तुल दिया गया है।