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एसबीआई की ऋण रक्षा योजना का आम लोगो को मिल रहा है लाभ

रामपुर बुशहर। विशेषर नेगी

भारतीय स्टेट बैंक ऋण लेने वालो अथवा खाता धारकों की सुरक्षा के लिए चला रही है कई प्रकार की योजनाएं। गृह ऋण लेने पर ऋण रक्षा योजना के तहत किसी अनहोनी पर तीन माह से भी कम समय पर इंश्योरेंस क्लेम सेटल कर दिया जा रहा है लाभ।रामपुर के डकोलड एसबीआई शाखा ने आज एक महिला को 20 लाख का दिया चैक।

एसबीआई विभिन्न ऋण एवं खाता धारकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस क्लेम में रिकार्ड समय में मामले सुलझा रही है। ताकि विपदा की घड़ी में प्रभावित व्यक्ति को आर्थिक तौर से परेशानी न हो। इसी प्रयास को आगे जारी रखते हुए रामपुर के डकोलड स्थित एसबीआई शाखा ने आज 3 महीने से भी कम समय के भीतर 20 लाख रुपए का क्लेम सेटल करवा कर विधवा औरत को लाभ पहुंचाया। एसबीआई डकोलड़ शाखा से ननखड़ी के रहने वाले करम सिंह ने गृह निर्माण के लिए 20 लाख रुपए का ऋण लिया था और ऋण रक्षा प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्लान में कवर करवाया था। कर्म सिंह की अचानक मौत हो गई , उसके बाद 3 महीने से भी कम समय के भीतर भारतीय स्टेट बैंक की डकोलड सिंगला शाखा ने मृतक की पत्नी सरोज को चेक व उनके ऋण खाते में 19 लाख 79289 रुपए जमा कर ऋण मुक्त कर दिया है। भारतीय स्टेट बैंक के फील्ड ऑफिसर लोन दीपक भंडारी, शाखा प्रबंधक राहुल कुमार बंसल, व बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर अभिषेक शर्मा ने बताया कि विभिन्न सुरक्षा योजनाओं के तहत ऋण लेने वालों को इंश्योरेंस कवर किया जाता है, ताकि किसी भी विपदा के समय उपभोक्ता को समस्याओं का सामना करना ना पड़े। उन्होंने बताया कि 3 माह से भी कम समय में कर्म सिंह की पत्नी को उनकी मौत के बाद ऋण का सारा पैसा ऋण रक्षा बीमा योजना के तहत वापस किया गया।

ननखड़ी की रहने वाले कर्म सिंह की बेटी स्नेहा ने बताया कि उनके पापा ने भारतीय स्टेट बैंक डकोलड शाखा से 20 लाख रुपए का गृह ऋण लिया था। उनकी अचानक मौत हो गई उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक ने जो उनका लोन था उसको ऋण रक्षा योजना के तहत कवर करते हुए भरपाई कर दी है। एसबीआई ने बड़े सौहार्दपूर्ण माहौल में उनके कार्य को किया है। वह इस के लिए शुक्र गुजार है।

शाखा प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक डकोलड राहुल कुमार ने बताया कि कर्म सिंह नामक व्यक्ति को 20 लाख रुपए का गृह ऋण दिया था। उनकी 3 महीने पहले आकस्मिक मौत हो गई थी , तो उन्होंने एसबीआई के इंश्योरेंस प्लान ऋण रक्षा के तहत कवर किया था। उन की विधवा पत्नी नॉमिनी थी और सारा जो होम लोन का पैसा था वो ऋण सुरक्षा के तहत दे दिया गया। और जो ऋण दिया गया था वो अब मृतक की पत्नी को देने की जरूरत नही।

बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर अभिषेक शर्मा ने बताया कि इस तरह के मृत्यु के मामले में एसबीआई से जो लोन लेकर विभिन्न सुरक्षा योजना में इंश्योरेंस किया होता है उन्हें जल्दी से जल्दी लाभ देने का प्रयास होता है। मृत्यु कैसे हुई, लोन कितना था यह सब देखा जाता है। इनका 20 लाख का लोन था और 3 माह के भीतर जो क्लेम था दे दिया गया है।

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